अफगानिस्तान: अशरफ गनी भागे, राष्ट्रपति भवन पर डटा तालिबान यहीं से होगा इस्लामी अमीरात का एलान

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात बहुत खराब हैं। भविष्य को लेकर चिन्तित लोग देश छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर जुटे हैं जहां भीड़ के चलते भगदड़ मच गई।




इस दौरान फैली अराजकता में 5 की मौत हो गई। अमेरिका ने एयरपोर्ट को 6,000 सैनिक उतारने के लिए कब्जे में ले लिया और इस कारण भीड़ को हटाने के लिए वहां अमेरिकी फोज ने फायरिंग कि जिसमे 5 लोगो की जान चली गई। इस कारण कई उड़ानें रोक दी गईं।



काबुल हवाईअड्डे पर मची भगदड़ और फायरिंग से पहले तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया। इस दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी कई मंत्रियों, और अधिकारियों के साथ देश छोड़कर चले गए।

हालात बेकाबू होते देख अमेरिका ने हेलीकॉप्टर से अपने राजनयिक अफगानिस्तान से निकाले। तालिबान ने कहा कि हमारा संगठन जल्द ही काबुल में राष्ट्रपति परिसर से अफगानिस्तान को इस्लामी अमीरात बनाने का एलान करेगा। सत्ता संभाल ने के लिए परिषद का गठन किया गया है। इस बीच, सेना प्रमुख को हाटा दिए गया हैं।



काबुल एयरपोर्ट पर हुई फायरिंग के बाद मची भगदड़ के जो वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं वह भीषण हालात बयां कर रहे हैं। यहां अमेरिका ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है। उधर, एक समय अमेरिकी सैन्य ठिकाना रहे बगराम एयरपोर्ट पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है।



सभी आम व्यावसायिक उड़ानें रद्द

अमेरिकी सेना ने अपने और अपने सहयोगी देशों के कर्मचारियों को निकालने के लिए काबुल हवाईअड्डा को अपने हाथ में लिया है। हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सभी आम उड़ानें रोक दी गई हैं जिससे वहां सैकड़ों अफगान और दूसरे देशों के लोग फंस गए हैं।


वहां आए वीडियो में दिख रहा है कि लोग बस अड्डे की तरह एयरपोर्ट और विमानों की तरफ भाग रहे हैं। अमेरिका ने अपने सभी दूतावास पर काम करने को बाहर निकालने के लिए उन्हें एयरपोर्ट पर बुला लिया है। उसने इस काम के लिए अपने 6,000 फौजी अफगानिस्तान उतार दिया है।


60 से ज्यादा देशों ने कहा, सुरक्षा बहाली के कदम उठाएं

अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने साझा बयान जारी कर अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी लें और सुरक्षा बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं।


बयान में कहा गया कि अगले 48 घंटों में करीब 6,000 सुरक्षाकर्मी वहां तैनात होंगे जिनका मिशन लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद करना होगा और वे एयर ट्रैफिक कंट्रोल भी अपने हाथ में लेंगे। बयान के मुताबिक, ये सुरक्षाकर्मी अमेरिकी मिशन पर तैनात स्थानीय लोगों व उनके परिजनों को अफगानिस्तान से बाहर निकालेंगे। 


डर के साये में कई देश निकाल रहे अपने नागरिक

सऊदी अरब ने कहा कि उसने काबुल में अपने दूतावास से सभी राजनयिकों को निकाल लिया है, वहीं न्यूजीलैंड सरकार भी देश से अपने लोगों की निकासी के लिए विमान भेज रही है। सऊदी अरब ने कहा कि बदलते हालात में उसने रविवार को को काबुल दूतावास से सभी कर्मी निकाल लिए हैं।


अफगानिस्तान की राजधानी पर तालिबान के कब्जे के बाद कई अन्य देशों ने वहां स्थित अपने दूतावास बंद कर दिए हैं। न्यूजीलैंड ने अपने 53 नागरिकों और देश के सैनिकों के मददगार रहे अनेक अफगानी लोगों व उनके परिवारों को निकालने के लिए सी-130 हरक्युलिस सैन्य परिवहन विमान रवाना किया है।


इटली भी दूतावास से 70 लोगों के स्टाफ और उसके अफगान मददगारों को निकाल रहा है। फ्रांस, यूरोपीय संघ और कनाडा ने भी काबुल से अपने नागरिकों को निकालने की कोशिशें बढ़ा दी हैं।

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