राजा महेंद्र प्रताप सिंह और AMU, किया राजा महेन्द्र प्रताप की ज़मीन पर बनी है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिर्वसिटी ? Alighar muslim university

राजा महेंद्र प्रताप सिंह और AMU ! 


आज मोदी जी ने अलीगढ़ में अपने भाषण में बोल दिया कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी ने AMU को ज़मीन का एक बहुत बड़ा भाग दान में दिया था । प्रधानमंत्री को अपने भाषण से पहले फ़ैक्ट चेक करने चाहिए लेकिन मोदी जी के भाषणों में अब तक इतने झूठ पकड़े जा चुके हैं कि शायद उन्हें अब इस सबसे फ़र्क़ भी नहीं पड़ता है । 



सर सैयद ने MAO की स्थापना 8 जनवरी 1877 को की थी और इस कॉलेज की 74 एकड़ ज़मीन में ज़्यादातर ज़मीन अंग्रेज सरकार से ख़रीदी गयी थी । बाद में सर सैयद के दोस्तों और कॉलेज के चाहने वालों ने , कॉलेज के पूर्व छात्रों ने इसमें पैसे दिए , ज़मीन दी , कन्स्ट्रक्शन करवाया तब जाकर सेंकडो एकड़ में फेली अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनी । यूनिवर्सिटी के रिकार्ड में 58000 दान देने वालों के नाम लिखे हुए हैं जिसमें एक हज़ार रुपय देने वाले नोर्थ वेस्टर्न प्रॉविन्स के गवर्नर का भी नाम लिखा है और पाँच लाख रुपय देने वाले निज़ाम हैदराबाद का भी । 

राजा महेंद्र प्रताप सिंह MAO ( जो बाद में AMU कहलाया ) की स्थापना के 09 साल बाद 1886 में पैदा हुए थे , राजा साहब MAO में पढ़े थे , उन्होंने 1929 में AMU को 1.2 हेक्टेयर ( 3.04 एकड़ ) ज़मीन ₹2 प्रति महीने की लीज़ पर दी थी जिसका पूरा रिकार्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास मौजूद है और यह लीज़ 2019 में ख़त्म हो गयी । यूनिवर्सिटी प्रशासन राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के परिवार से लीज़ का समय बढ़वाने की बात कर रहा था , लीज़ बढ़ पायी या नहीं , इसकी जानकारी मुझे नहीं है । लेकिन लीज़ का मतलब डोनेशन नहीं होता यह जानकारी मुझे है और आज कल निर्मला सीतारमण जी तमाम सरकारी संस्थान लीज़ पर देकर राहुल गांधी को बता ही रही हैं कि लीज़ और बेचना अलग अलग होता है । 


राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी फ़्रीडम फ़ाइटर थे । उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किए हैं । अलीगढ़ के आस पास के इलाक़े में उन्होंने कई स्कूल और कॉलेज खोले हैं । उनके नाम से यूनिवर्सिटी खुले और बड़ी यूनिवर्सिटी खुले जिससे अलीगढ़ और उसके आसपास के इलाक़े के छात्रों का फ़ायदा हो , इसका स्वागत होना चाहिए । लेकिन राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के नाम से प्रॉपगैंडा नहीं चलाया जाना चाहिए । 


AMU का हर छात्र राजा साहब से बहुत प्यार करता है और राजा साहब भी AMU के पूर्व छात्र होने के नाते AMU से और उसके छात्रों से प्यार करते थे । राजा साहब ने अटल जी को जब मथुरा में चुनाव हराया था तब AMU के कई छात्र और अध्यापक राजा साहब का चुनाव लड़ाने मथुरा गये थे। मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी में राजा साहब की एक शानदार फ़ोटो लगी हुई है । MAO कॉलेज के शताब्दी समारोह ( 1977 ) में राजा साहब चीफ़ गेस्ट थे । उनका नाम लेकर AMU पर निशाना लगाना , उनका अपमान करने के बराबर है । 



वैसे शिलान्यास के साथ निर्माण होना भी ज़रूरी होता है , गुजरात से लेकर अब तक देश शिलान्यास तो बहुत देख चुका है , कोई निर्माण भी करवा दीजिए मोदी जी ।


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